प्रदुषण हमारे समाज को हर तरह से दूषित कर रहा है| प्रदुषण मुख्य रूप से निम्न प्रकार के होते है|
१- वायू प्रदुषण- वायु प्रदुषण मुख्य तौर से अत्यधिक वाहनों से निकलने वाली जहरीली गैस से होता है| दुनिया मैं दुनिया की आबादी के बराबर ही वाहन हो गये है| दूसरी और फेक्टरी से निकलने वाले जहरीली गैस से प्राणियों को साँस लेना कठिन होता जा रहा है| जिसका समय से उपचार करना आवश्यक है|
२-ध्वनि प्रदुषण- बाजारों मैं गाडियों के हॉर्न और माइक स्पीकर की ध्वनि कानों के परदे फाड़ने को आतुर हुई है| जिसका उपचार किया जाना आवश्यक है| गाड़ियों मैं लॉ कम तीव्रता के हॉर्न का प्रयोग किया जाय|
३- जल प्रदुषण - आधुनिक समाज मैं सबसे बड़ा खतरा जल का ही है| फेक्ट्रीयों से निकला अवसिस्ट पदार्थ या सीवर लाइन का सारा पदार्थ नदियों मैं डालने से नदियों का जल दुसित हो रहा है| आप देख सकते हैं, दिल्ली मैं यमुना मया जी का हाल| जिसका निदान किया जाना आवश्यक है|
४- भूमि प्रदुषण- भूमि प्रदुषण कचरे के फेलने और रासायनिक रिसाव के कारण भूमि खराब हो रही है| अत्यधिक रासायनिक उर्बरक और दवाओं के छिडकाव के कारण भी भूमि ख़राब हो रही है| जिससे भूमि का बचाव किया जाना आवश्यक है| यदि एसा नही किया गया तो भविष्य मैं आने वाली पीडी के द्वारा भूमि मैं एक अन्न का दाना नही उगाया जा सकेगा|
5-परमाणु हतियार- सबसे बड़ा दुर्भाग्य है, परमाणु हतियारों का अविष्कार, जिससे एक और कई मौतें एक साथ हो जाती है | वहीँ दूसरी और उससे होने वाले प्रदुषण महा बिनास कारी परिणाम निकल रहे है| उदहारण हिरासमा और नागासाकी है|
5-परमाणु हतियार- सबसे बड़ा दुर्भाग्य है, परमाणु हतियारों का अविष्कार, जिससे एक और कई मौतें एक साथ हो जाती है | वहीँ दूसरी और उससे होने वाले प्रदुषण महा बिनास कारी परिणाम निकल रहे है| उदहारण हिरासमा और नागासाकी है|
प्रदुषण समाज मैं एक भयानक बीमारी है| यदि इससे बचाव का उपाय अभी नही किया तो कहीं देर न हो जाय| इसका एक मात्र उपाई है| वृक्षों का रोपण करना | सरकार को चाहिए की audinace पास करे की प्रत्येक व्यक्ति एक वर्ष मैं ३ नये पौधे लगाएगा| और उनकी देख-रेख भी करे| तभी हमारे समाज से प्रदुषण का नाश हो सकता है|
No comments:
Post a Comment