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Sunday, February 25, 2018

In the shadow of future disasters

भविष्य आपदाओं के साये मैं

आपदा

आपदा एक प्राकृतिक या मानव निर्मित जोखिम का प्रभाव है जो समाज और प्रयार्वरण को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है  आपदा एक असामान्य घटना है जो थोड़े ही समय के लिए आती है और अपने विनाश  के चिन्ह लम्बे समय के लिए छोड़ जाती है| मनुष्य का भविष्य आपदाओं से घिरा हुआ हैतथा मानव भविष्य आपदा के सायें मैं जीने को विवस है|भविष्य मैं निम्न प्रकार के आपदा आने की संभावनाएं प्रकट हो रही है|
- अत्यधिक जनसँख्या:- बर्तमान समय मैं दुनिया की जनसंख्याँ बहुताहित तेजी से बड रही है| जिसमें की एशियाई देशों का बड़ा योगदान दिख रहा है| अधिक जनसँख्या के बड़ने पर क्षेत्रफल घनत्व भी बड़ेगा| 
परमाणु युद्ध :- वर्तमान समय में  ताकत का सूचक है परमाणु हतियार, किन्तु  यदि कभी भी परमाणु युद्ध  हुआ तो आप समझ सकते हैं  क्या  हसल  होगा दुनिया का?
३- ग्लोबल वार्मिंग :-  पर्यावरण के बदले शुर से कोई भी अनजाना नही है  जिससे हमारे पर्यावरण पर  निम्न  प्रकार से खतरा मंडरा रहा है|
अ- अतिवर्षा- ग्लोबल वार्मिंग के कारण कभी कम वर्षा तो कभी अति वर्षा हो सकती है| पानी बिना हमारा  जीवन संभव ही नहीं हैं|
ब- ओलावृष्टी- ओलावृष्टी होने से हमारी सारी फसल ख़राब हो जाएगी, जो की बिलकुल भी सही नहीं है|
स- सूखा:- ग्लोबल वार्मिंग से सूखा पड़ने के आसार तो अभी से दिख रहे हैयदि सूखा पड़ा तो पानी नहीं होगा| फसल नहीं उग पायेगी तो खायेंगे क्या|
द- लू :- ग्लोबल वार्मिंग के  कारण भविष्य मै लू (मौसम मैं अधिकाधिक गर्मी का बढना ) से भी बड़ा दुष्प्रभाव पड़ेगा|
य- अनुपयोगी गैस :- ग्लोबल वार्मिंग के कारण वातावरण मै बहुत से अनुपयोगी गैसों का प्रभाव पड़ेगा, जो की खतरनाक होगा|
व- हिम युग :- ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम मैं हो रहे बदलाव से भविष्य मै हिम युग आने की असंका हैं|
  जो की बिलकुल उचित नहीं होगा|
र- जल संकट :- ग्लोबल वार्मिंग से हमारी दुनिया मैं जल संकट का खतरा मंडरा रहा है | बहुत से बेज्ञानिकों का मानना है की अगला विश्व युद्ध पानी के लिए हो सकता है|
४- सभ्यता की समाप्ति :- यदि दुनिया मैं कोई भी सभ्यता नही होगी तो मानव मूल्यों का ह्रास होगाऔर सभ्यता के पुनः निर्माण या नयीं सभ्यता बनाने पर बहुत समय व्यर्थ होगा| तथा प्रत्येक शब्द की नई परीभाषा बनानी होगी|
५- सुनामी और भूकम्प :- भविष्य मैं सुनामी और भूकम्प आटा हैं तो उसके परिणाम शुभ  नहीं होंगे|
६- आतंकबाद :- दुनिया मैं सबसे बड़ी समस्या हैं आतंकबाद का, यदि इस विषय के बारे मै अभी नही कुछ किया गया तो भविष्य मैं इसके शुकद परिणाम नही दिख रहे|
निष्कर्ष :- आपदा चाहे कोई भी हो उसका परिणाम शुभ नहीं होता है| किन्तु इससे बचाव किया जाना नित्यांत आवश्यक हैग्लोबल वार्मिंग से बचने का सबसे आसन तरीका यही है की ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण किया जाय| इस सम्बन्ध मै हमारी सरकारों को भी ठोस कदम उठाने होंगेजैसे की हिंदुस्तान के प्रत्येक व्यक्ति को प्रति वर्ष २ पेड़ लगाने होंगेतथा उन पेड़ों की देख-रेख करनी होगी| तथा पानी के श्रोतों के पास उतीस के पेड़ रोपित करने होंगे जिससे श्रोते का पानी सूख न जाय| उतीस जमीन से पानी को बहुत सोकता है| तथा जिंतना पेड़ को चाहिए उतना की पानी प्रयोग कर शेष पानी छोड़ देता हैं|



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